Tuesday 12 May 2015


मुगलो से ना मिटे हिंदू, अँग्रेज हार कर चले
गये,
सिकंदर जैसे बलशाली, मन को मार कर चले गये
।।
इस दुनिया मे जिसने भी, हिन्दू को मिटाना
चाहा है,
खुद ही चला गया दुनिया से, लेकिन हिंदू न
मिट पाया
है।।
शीश झुका कर जो आया, उसका सत्कार
किया हमने,
दुश्मन की भूल के बाद, उसको प्यार किया
हमने ।।

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